नींद न आने की समस्या से परेशान हैं तो इन टिप्स को अपनाएं
सेहतराग टीम
आज के इस बदले-बिगड़ते वातावरण में मनुष्य का जीवन और लाइफस्टाइल बिल्कुल बदल गयी है। मनुष्य का स्वस्थ रहना एक बहुत बड़ी चुनौती बन गयी है। इसके अलावा आज की लाइफस्टाइल के चलते लोग शारीरिक और मानसिक तनाव में जी रहे हैं। जिस कारण उन्हें नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं। जो कई बीमारियों का कारण बन जाती है। नींद स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि अच्छी नींद शरीर में हार्मोन की उत्पत्ति में सहायक होती है। इसलिए आज हम कुछ टिप्स बताएगें जिससे आप न नींद आने की समस्या से निजात पा सकेगें।
- सोने और नींद से उठने का समय निश्चित करें। बिस्तर पर तब ही जाएं, जब नींद महसूस हो। उतना ही सोएं जितना शरीर के लिए आवशयक हो, उससे ज्यादा नहीं मतलब कठिन परिश्रम करने वाले कम से कम 8 घंटे, बैठकर काम करने वाले कामकाजी कम से कम 6-7 घंटे की नींद लें।
- शाम को रोशनी कम से कम रखें या बिल्कुल न हो या जैसी आदत बन जाए। शांति का वातावरण और तापमान आरामदायक हो।
- अगर 15-20 मिनट से ज्यादा बिस्तर में रहने के वाबजूद नींद न आए तो कुछ समय के लिए बिस्तर छोड़ दें, दुसरे कमरे में जाकर म्यूजिक आदि सुनें या कुछ पढ़ना शुरू करें। जैसे मां की लोरी सुला देती है वैसे ही म्यूजिक नींद लाने में मदद करता है।
- रात में कभी भूखे न सोएं, लेकिन ध्यान रखें की ज्यादा खाना न खाएं। हल्का खाना, ट्रिपटोफेन विटामिनयुक्त भोजन का सेवन करें, क्योंकि यह विटामिन नींद को बढ़ाता है।
- अच्छी नींद के लिए जरूरी है कि शरीर को थकाएं लेकिन ज्यादा नहीं, इसलिए सोने से 3 घंटे पहले व्यायाम कर सकते हैं, क्योंकि व्यायाम नींद लाने में सहायक होता है। हां एक बात का ध्यान रखें कि नींद के नजदीकी समय व्यायाम न करें, क्योंकि इसका उल्टा असर भी हो सकता है, नींद भाग भी सकती है। क्योंकि व्यायाम करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।
- ठंड के दिनों में सोने से एक घंटे पहले गुनगुने पानी से, गर्मी के दिनों में ठंडे पानी से नहाएं। सोने से पहले नहाने से अच्छी नींद आती है।
- दिन में कम सोएं, काम में व्यस्त रहें, जिससे रात में अच्छी नींद ले सकें।
- कैफीनयुक्त पेय जैसे चाय, कॉफी या सोडा का सोने से पहले या शाम को 6 बजे के बाद सेवन न करें।
- गिनती उल्टी या सीधी गिनने से भी नींद की प्रक्रिया की शुरुआत हो जाती है। होता यूं है कि यह क्रिया दिमाग को थकान महसूस करवाती है जिससे दिमाग नींद की प्रक्रिया शुरू कर देता है। यह ख्याल भी अपने दिमाग में न लाएं कि आज आपको नींद नहीं आएगी।
- मानसिक रूप से रिलैक्स होने का प्यास करें। कल की तनाव वाली समस्याओं के बारे में न सोचें और दिनभर के तनाव के मसलों को सुलझा लें, ताकि दिमाग तनावों से मुक्त हो जाएं।
- बिस्तर में जाने के बाद बार-बार घड़ी न देखें।
- कुछ व्यक्ति सोने से पहले दूध या अन्य चीजों का प्रयोग करते हैं जो नींद लाने में सहायक होते हैं। आदत अनुसार इसका पालन करें।
- अल्कोहल नींद की आरंभिक अवस्था में सहायता करती है। लेकिन अल्कोहल गहरी नींद में बाधा बनती है और बाद के क्षणों में नींद भंग कर देती है। नींद को टुकड़ों में बांट देती है, जिसके कारण दिन में थकान आ जाती है और एकाग्रता में गिरावट आ सकती है।
- नींद लाने वाली दवाओं का चिकित्सक की देख-रेख में सेवन करना चाहिए। प्रसव में या बच्चों को अपना दूध पिलाने वाली महिलाओं को जहां तक होसके इन दवाओं से दूर रहना चाहिए।
(इस आलेख को प्रो. ( डॉ. ) एम.पी. श्रीवास्तव और डॉ. संजय श्रीवास्तव द्वारा लिखी गयी किताब 'निंद्रा रोग कारण और निवारण' से साभार लिया गया है)
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